हमारे college में एक company आती है students को soft skills कि training देने, उस company के trainer कि माने तो इंसान blogging करता है ताकी पैसे कमा सके। यहाँ भी लोगों को चैन नहीं। कितना हीन हो गया इंसान, हर जगह केवल और केवल रुपए और तरक्की कि बांते। कुछ चिंजे इन बातों से पड़े होती हैं। कुछ चिंजे आपके वास्तविकता की परिभाषा होती है, मेरे लिए “लेखनी” वही दर्जा रखती है।
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