मेरे दोस्तों की आपस में शर्त लग रही थी।
“ये उसके तरफ 10 मीटर जा कर वापस आ जाएगा, क्या कहता है बे, Bet लगाएगा?”
“हाँ BC Bet Done! पुरे 2 समोसे का। मैं कहता हूँ की 5 मीटर चल कर ही वापस आ जाएगा”
उस दिन अगर वो मेरे दोस्त न होते तो शायद मैं आज खून करने के जुर्म में Jail में होता।
Valentine’s Day की बात है। 11वीं में थे हम।
याद है मुझे, मेरी दिन की शुरूआत तब ही होती,जब तुम सुबह के Assembly में PLEDGE बोलने को Stage पे आती।
दायें हाथ से Mic पकड़ती और अपने बायें हाथ से अपने बालों के उस दो लटों को धिरे से अपने गोरे—गोरे गालों पर से खिसकाकर अपने कानों पे डाल दीया करती । हाये हाये…कसम महादेव की जी करता था जा कर Srivastav Sir की Pappi ले लूँ, “वाह Sir, क्या बवाल बेटी पैदा किए हो। Too Good”
कहने को तो मैं Science का था। मगर न जाने क्यों हम “ECONOMICS” की किताबों का तकिया बनाये सोया करते थे। Debit-Credits में दिलचस्पी बड़ गई थी हमारी। ये सब तुम्हारा ही जादू था।
अपने Delhi वाले मौसेरे भाई से पुरी Detailing ले रखी थी Valentine’s Week की हमने। सब कुछ Perfect होना चाहिए।
“सुनो बे गधे, “गुलाब” देना होता है दिल की बात कहते वक्त, याद रहेगा न?”
“हाँ, भाई”
“मर्द बनके जाना, और दिल की बात केह आना”
“जी भईया, जी”
School की छुट्टी हो चूकी थी। तुम हर दिन के तरह अपने घर के तरफ निकल गयी थी। अपने धून में। ऐसा लग रहा था मानों वो सुरज भी लगातार बिना पलकें झुकाये तुम्हें ही देखा रहा हो। बस तुम्हें।
“बेटा, आज नहीं कहा इसे तो कभी नहीं केह पाएगा”
मैं तुम्हारे तरफ बड़ा। दिल साला 2000 Horse power वाले Engine कि तरह धड़क रहा था।
“सुनो….” “अरे सुनो…”
“Oh.. Hi Rahul.. क्या हुआ?”
“अरे वो.. Actually.. Akanksha मुझे कुछ कहना था तुमसे..”
“हाँ बोलो..”
मेरा हाथ मेरी पैंट की दायें जेब के तरफ बड़ा, गुलाब के लिए।
मगर अचानक ही दिल थम गया। ऐसा महसूस हुआ था मानों दुनिया पलट गई हो। गुलाब लेना भूल गया था मैं।
“अरे बोलो?” “क्या हुआ? क्या ढूंढ रहे जेब मैं?”
अब मेरे पास तेरे किसी भी सवाल का जवाब नहीं था।
“नहीं नहीं, कुछ नहीं ढूंढ रहा, वो Actuallyये कहना था की तुम्हारी वो Presentation बहुत अच्छी थी, Congrats”
“Oh..Thank You”
ये केह कर मैं वहाँ से सर झुका कर चल दिया था लेकिन अचानक तुम्हारी आवाज़ ने रोक लिया,
“सुनो रे Duffer, अगर गुलाब भूल गए हो तो कोई बात नहीं, जो कहना है वो तुम ऐसे भी केह सकते हो। गुलाब से फर्क नहीं पड़ता मुझे”
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